Dr. Kusum Meghwal Name : Dr. Kusum Meghwal Date Of Birth : 29th April 1948 Education : 1. Before Marriage - Higher Secondary (11th Class) 2. After Marriage (After gap of ten Years and doing all type of my in law farmers family agricalture work Passed Bechelors Degree in arts, Master Degree In Arts, Ph.D., LL.B (Second Year) facing many problems and Struggles as a private Candiadate.) 3. Subject Of Ph.D. "Hindi Upanyason me Dalit Varg" Birth Palace : Udaipur (Rajasthan) Marriage : Choti Sadri - A very small Village of Appx.4K.m. Aria in Chittorgarh, Dist.(Raj. ) Service : 1. From 1973 to197...
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मेघवंशी थे बाबा रामदेवजी महाराज अवतारवाद के शिकार क्रान्तिकारी बाबा रामदेव मेघवाल...अवतार साबित करने के पिछे सबसे बङा हाथ हरजी भाटी का है। देखा जाएतो हरजी भाटी का जन्म बाबा रामदेव जी के समाधी लेने के ठिक 303 साल बाद हुआ था।हरजी भाटी ने बाबा रामदेव जी पर एक आरती लिखी जो आज बाबा रामदेव जी के मन्दिरमे गायी जाती है। आरती के शब्द इस प्रकार है। "पिछ्म धरा छु म्हारा पिर जी पधारेया घर अजमल अवतार लियो लाछा सुगना करेहरी री आरती हरजी भाटी चँवर ढोले।अब इसमे सवाल उठता है। कि रामदेव जी के समाधी के 303 साल बाद हरजी भाटी का जन्म हुआ तो वे लाछा सुगना के साथ चँवर केसे ढोला...और पुरी आरती मे ङाली बाई का नाम तक नही।क्या यह हमारे साथ भेदभाव नही है। 303 साल बाद जन्मे हरजी भाटी को तो बाबा के साथ बड चढ के गाया जाता है।ओर बाबा कि बहन का कँई नाम नही । अब आप ही बताए यह केसे सम्भव हुआ बाबा रामदेव जी के समाधी लेने के बाद 250 साल तक उच्च जाती के लोग बाबा के अनुयायी क्यु नही बने।और ही हरजी के समयकांल से पहले कौई भजन वाणी मे बाबा के अवतार चुननेको नही मिलता क्युकि सबको पता था की बाबा रामदेव जी ने अवतार नही ...
अमर शहीद मेघवीर राजाराम कडेला का बलिदान दिवस आज 11 मई 2017 : मारवाड़ का अमर शहीद "मेघवीर "राजाराम जी कडेला मेघवाल पिता मोहणसी जी व माता का नाम केसर जिन्होंने 12 मई 1459 वार शनिवार जोधपुर किले की नींव मे बलिदान दिया । " दियो ब-ितसो राजाराम ,जद मण्डियो मेहराण । उचनीत रै कारणै, ना राख्यो नाम निशाण ।। ना राख्यो नाम निशाण, जोधाणो बेरंग लागे । ना छतरी ना मूरत ज्यारी, गढ मेहराणे आगे ।। रणबेंका राठोेैड क्यू , भूल्या थे अहसाण । दियो ब-तीसो राजाराम, जद मण्डियो मेहराण ।। शेर नर राजाराम मेघवाल भी जोधपुर नरेशो के हित के लिए बलिदान हो गए थे !मोर की पुंछ के आकर !वाले जोधपुर किले की नीव जब सिंध के ब्राह्मण ज्योतिषी गनपत ने राव जोधाजी के हाथ से वि ० स० 1516 में रखवाई गई तब उस नीव में मेघवंशी राजाराम जेठ सुदी 11 शनिवार (इ ० सन 1459 दिनाक 12 मई ) को जीवित चुने गए क्यों की राजपूतो में यह एक विश्वास चला आ रहा था की यदि किले की नीव में कोई जीवित पुरुष गाडा जाये तो वह किला उनके बनाने वालो के अधिकार में सदा अभय रहेगा !इसी विचार से किले की नीव में राजाराम (राजिया ) गोत्र कडेला मे...
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